हाथरस। पिछले साल 2 जुलाई को सिकंदराराऊ के फुलरई मुगलगढ़ी में आयोजित सत्संग में भगदड़ मच गई थी। भगदड़ हो जाने से 121 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें करीब 250 लोग घायल हुए थे। हाथरस सत्र न्यायाधीश सतेंद्र कुमार के न्यायालय में सत्संग हादसे का मामला विचाराधीन है। इस मामले में आरोपों पर बहस चल रही है। 25 फरवरी को बार काउंसिल के आह्वान पर अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत होने की वजह से इस मामले में बहस नहीं हो पाई। न्यायालय में अब इस मामले में 10 मार्च को सुनवाई होगी।उल्लेखनीय है कि सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि के 2 जुलाई को सिकंदराराऊ के फुलरई मुगलगढ़ी में आयोजित सत्संग में भगदड़ मच गई थी। भगदड़ हो जाने से 121 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें करीब 250 लोग घायल हुए थे। न्यायालय में पुलिस ने इस मामले में 11 आरोपियों के विरुद्ध 3200 पेज का आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने 676 गवाह बनाए हैं। पुलिस ने इस मामले में पुलिस मुख्य आरोपी देव प्रकाश मुधकर, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू देवी,मंजू यादव, राम लड़ेते, उपेंद्र सिंह,संजू कुमार, राम प्रकाश शाक्य, दुर्वेश कुमार, दलवीर सिंह को आरोप पत्र में आरोपी बनाया है। अधिवक्ता एपी सिंह ने बताया कि इस मामले में 11 आरोपियों में से आठ आरोपियों की जमानत हो चुकी है। जबकि तीन आरोपियों देव प्रकाश मधुकर, मेघ सिंह व मुकेश की जमानत याचिका उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। इस मामले की सुनवाई सत्र न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई के लिए 10 मार्च की तिथि नियत है।
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हाथरस सत्संग हादसा: अधिवक्ता रहे न्यायिक कार्य से विरत,नहीं हो पाई बहस, अब सुनवाई 10 मार्च को
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