राजस्थान सरकार के बजट पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “यह बजट प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी पर भारी पड़ रहा है” और भाजपा सरकार चुनावी वादों से मुकर रही है। किसानों से वादा खिलाफी – पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 12,000 की जगह 9,000 ही देने की घोषणा। पेट्रोल-डीजल राहत नहीं – मोदी के वादे के बावजूद हरियाणा से ₹10 महंगा पेट्रोल। कृषि क्षेत्र में अनदेखी – बाजरे की सरकारी खरीद पर चुप्पी, गेहूं पर सिर्फ ₹150 बोनस। सामाजिक सुरक्षा पेंशन में कटौती – विधि अनुसार 1,322 की जगह सिर्फ ₹1,250 बढ़ोतरी। सरकारी नौकरियों का भ्रम – 1 लाख नौकरियों के वादे के मुकाबले सिर्फ 59,000 नियुक्तियां। बाड़मेर रिफाइनरी प्रोजेक्ट में देरी – अप्रैल 2025 से बढ़ाकर अगस्त 2025 किया गया। ERCP योजना पर सवाल – केंद्र सरकार 90% फंडिंग का दावा झूठा, राज्य ने खुद 9,500 करोड़ आवंटित किए। SC/ST कोष की अनदेखी – 1,750 करोड़ घोषित, लेकिन पिछला 1,500 करोड़ जारी नहीं हुआ। गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने जनता को झूठे वादों से भ्रमित किया और यह बजट उनकी वादाखिलाफी को उजागर करता है।
राजस्थान बजट पर गहलोत का हमला, मोदी की ‘गारंटी’ पर उठाए सवाल

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