ऑपरेशन जागृति फेज़-04 अभियान के तहत क्षेत्राधिकारी, थाना प्रभारी एवं समस्त थानों की एन्टी रोमियो टीम महिला बीट आरक्षियों द्वारा अपने-अपने स्कूल/कॉलेज एवं अन्य स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर उपस्थित छात्राओं/बालिकाओं कल्याणकारी योजनाओं व साइबर अपराधो से बचाव हेतु किया जागरुक
हाथरस। महिलाओं/बालिकाओं की सुरक्षा/सशक्तिकरण/संवाद/परामर्श एवं विभिन्न प्रकार के अपराधों के बारे में जागरूकता पैदा करने हेतु अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान “ऑपरेशन जागृति” फेज-04 के क्रम मे समस्त क्षेत्राधिकारी, थाना प्रभारी एवं समस्त थानों की एन्टी रोमियो टीम/महिला बीट आरक्षियों द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्रान्तर्गत स्कूल/कॉलेज एवं अन्य स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर उपस्थित छात्राओं/बालिकाओं व स्कूल स्टॉफ को ऑपरेशन जागृति के उद्देश्यो के बारे में जानकारी देते हुये सुरक्षा सम्बंधी उपायों, विभिन्न हेल्पलाइन नम्बरों, संचालित कल्याणकारी योजनाओं व साइबर अपराधो से बचाव हेतु किया जागरुक किया गया । इस दौरान उपस्थित छात्राओं/बालिकाओं एवं स्कूल स्टॉफ को ऑपरेशन जागृति फेज-04 अभियान के मुख्य उद्देश्यों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए जागरूक किया गया ।
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“ऑपरेशन जागृति फेज-4.0 के प्रमुख विषय
▪️ महिलाओं की सुरक्षा हेतु बनाए गए कानूनों के दुरूपयोग व फॉल्स केसेस ।
▪️ लव रिलेशनशिप के प्रति परिवारों किशोर व किशोरियों को सचेत करना ।
▪️ महिलाओं का घरेलू हिंसा से बचाव ।
▪️ साइबर हिंसा के प्रति जागरूकता ।
▪️ युवाओं में नशे के दुष्परिणामों से बचाव
▪️ *पारिवारिक विघटन
कार्यक्रम के दौरान अधिकारीगण द्वारा महिलाओ/बालिकाओ के साथ घटित अपराधो से बचाव के उपाय के सम्बन्ध में अवगत कराते हुये उनकी रोकथाम व कानूनी प्रक्रिया के तहत विधिक प्रावधान तथा विषम परिस्थितियो में सहायता प्राप्त किये जाने के लिये महिलाओं/बालिकाओं को सुरक्षा संबंधित सेवाएँ जैसे- यू0पी0-112 नम्बर, वूमेन पावर लाइन 1090, यूपी कॉप एप, 181 महिला हेल्प लाइन, 1076 मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, 1098 चाइल्ड हेल्प लाइन, 102 स्वास्थ्य सेवा, 108 एम्बूलेन्स सेवा के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई । साथ ही महिलाओं/बालिकाओं को सभी सुरक्षा सम्बन्धी सेवाऐ/एप्लीकेशन आदि के बारे में जागरुक किया गया तथा हेल्पलाइन नम्बर का निर्भीक होकर उपयोग करने हेतु प्रेरित किया गया । महिलाओं/बालिकाओं को बताया गया कि आस पड़ोस में या स्वंय के साथ होने वाले अपराध या अपराध की संभावना होने पर संकोच किये बिना निडर होकर अपनी बात पुलिस तक पहुंचाए । कार्यक्रम के दौरान अधिकारीगण द्वारा बताया गया कि नाबालिग उम्र में बालिकायें लव अफेयर, पलायन, लिव इन रिलेशनशिप जैसे मामलों में फँस जाती हैं और किन्ही कारणों से उनको समझौता करना पड़ता है कई बार बालिकायें अपनी सहमति से भी बिना सोचे समझे चली जाती है। साथ ही साथ बदनामी के भय से किसी से शेयर नहीं करती हैं, जिसके कारण वह ऐसी स्थिति से निकलने में अपने आपको अक्षम महसूस करती हैं। परिवार में आपसी संवादहीनता और अभिभावकों से डर के कारण बालिकाएं अपनी बात कह नहीं पाती है । इसके अतिरिक्त आज Technology के दुरूपयोग के चलते महिलाओं एवं बालिकाओं के प्रति साइबर बुलिंग के मामले भी सामने आ रहे है। साथ ही बताया गया कि ग्रामों में भूमि/जमीनी विवादों में महिलाओं को ढाल के रूप में प्रयोग किया जाता है । मुकदमे बाजी में उनको आगे करते हुए झूँठे मुकदमें लिखाए जाते हैं, जिससे समाज में भ्रांति पैदा होती है । काउसलिंग के माध्यम से इस प्रकार के मामलों में कमी लाना है । दूसरी ओर, वास्तविक रूप से महिलाओं एवं बालिकाओं के विरूद्ध जो अपराध होते हैं, उनमें बलात्कार शीलभंग जैसे संगीन मामलों में प्रताड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं की मनोस्थिति काफी हद तक प्रभावित होती है और पीड़िता के जीवन में उस घटना का ट्रॉमा और भय सदैव के लिए बस जाता है। उक्त मानसिक आघात से उमरने के लिए पीड़िता का मनोवैज्ञानिक परामर्श की भी आवश्यकता होती है।बसाइबर अपराधों से बचाव हेतु जानकारी देते हुये बताया गया कि जानकारी के अभाव में कई लोग साइबर अपराध का शिकार हो जाते हैं, जिससे प्रत्येक नागरिक को जागरुक होना अत्यन्त आवश्यक है । बैंक एकाउंट/एटीएम के सम्बन्ध में टेलीफोन पर जानकारी मांगे जाने पर कभी भी साझा न करे एवं ई-मेल के जरिए आये लिंक को खोलने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि यह सुरक्षित है या नही, साइबर अपराधी अक्सर लिंक साझा कर आपकी वित्तीय जानकारी प्राप्त कर ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार बना लेते है । इसके साथ ही बताया गया कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप आदि सोशल साइट पर अज्ञात व्यक्तियों की रिक्वेस्ट बिल्कुल स्वीकार न करे, अपनी प्रोफाइल को हमेशा लॉक कर के रखें ।
युवाओं के बीच नशा करने की आदत एक गम्भीर समस्या बनती जा रही है । नशे के लिए समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकू बीडी, सिगरेट, चरस, स्मैक, कोकीन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक पदार्थों/दवाओं का उपयोग किया जा रहा है । इन नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्तियों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुँचने के साथ सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता है । नशे की लत छुडाने के लिए भारत सरकार द्वारा विभिन्न जनपदों में स्वयं सेवी संगठनों की सहायता से नशा मुक्ति केन्द्रों का संचालन कराया जा रहा है, मानसिक आघात एवं उपचार हेतु स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा टेली मानस हेल्पलाइन 14416 अथवा 1800-891-4416 तथा चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर सम्पर्क कर सहायता ली जा सकती है । बपारिवारिक विघटन या वैवाहिक जीवन में होने वाली समस्याएँ व वैवाहिक विघटन के कारणों व बचाव के बारे मे बताया गया ।
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वैवाहिक विघटन के कारण-
- संचार की कमी (Lack of Communication)
- अवास्तविक अपेक्षाएँ (Unrealistic Expectations)
- वित्तीय समस्याएँ (Financial Issues)
- परिवार का दखल (Interference from Family)
- समय की कमी (Lack of Time)
- विश्वास की कमी (Lack of Trust)
वैवाहिक विघटन से बचाव के सुझाव के सम्बन्ध मे उपस्थित महिलाओं को बताया गया । तथा उनको जागरुक किया गया कि थोड़ा सा प्रयास और समझदारी रिश्तों को कितना खूबसूरत बना सकती है। जिन्हें अपनाकर हम वैवाहिक विघटन से बच सकते हैं।