Black Blue and Neon Pink Modern Tech Electronics and Technology X-Frame Banner
Simple Details Monochrome Hello! Let's Connect LinkedIn Banner (1)
Black Blue and Neon Pink Modern Tech Electronics and Technology X-Frame Banner (1)
Black Blue and Neon Pink Modern Tech Electronics and Technology X-Frame Banner (2)
Black Blue and Neon Pink Modern Tech Electronics and Technology X-Frame Banner
previous arrow
next arrow

महाशिवरात्रि के मौके पर इन मंदिरों पर लगता मेला, सैकड़ों वर्षों से यह शिवालय शहरवासियों की आस्था का केंद्र बने हुए हैं

banner 120x600
banner 468x60

शहर के हर छोर पर शिवलिंग रूप में विराजमान हैं भोलेनाथ, जहां हर रोज सुबह से रात तक भक्तों का तांता

हाथरस। रस की नगरी कहे जाने वाले इस शहर में हर छोर पर भगवान भोलेनाथ शिवलिंग रूप में विराजमान हैं। शहर में कई ऐसे शिवालय हैं, जहां हर रोज सुबह से रात तक भक्तों का तांता लगता है। रात तक यहां बम-बम भोले और हर-हर महादेव की गूंज रहती है। भक्त भोलेनाथ के दरबार में हाजिरी लगाकर और उनकी एक झलक पाकर खुद को निहाल महसूस करते हैं। सैकड़ों वर्षों से यह शिवालय शहरवासियों की आस्था का केंद्र बने हुए हैं। महाशिवरात्रि और श्रावण मास के सोमवार के मौके पर इन मंदिरों पर मेला लगता है। वर्ष भर यहां धार्मिक आयोजनों की धूम भी मची रहती है।

banner 325x300

बॉक्स
नर्मदा नदी से लाकर विराजे गए गोपेश्वर महादेव

हाथरस। गोपेश्वर महादेव मंदिर बागला मार्ग पर रेलवे स्टेशन के पास स्थित है। यहां विराजमान गोपेश्वर महादेव के बारे में मान्यता है कि इनकी स्थापना करीब 100 वर्ष पहले हुई थी। हर रोज यहां श्रद्धालु उमड़ते हैं। वर्ष में कई खास कार्यक्रम भी होते हैं। लोगों की मान्यता है कि जो भी भक्त लगातार 21 सोमवार तक महादेव का दुग्धाभिषेक करते हैं तो उनकी हर छोटी-बड़ी मनोकामना पूरी होती है, इसलिए हर सोमवार को यहां भगवान के दर्शन के लिए भक्तों की कतार लगी रहती है। पुजारी ने बताया कि गोपेश्वर महादेव के शिवलिंग को नर्मदा नदी से लाया गया था। वर्षों से यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है।

बॉक्स
200 वर्ष से ज्यादा पुराना है चौबे वाले महादेव का अतीत

हाथरस। मेंडू रोड पर स्थित चौबे वाले महादेव का मंदिर भी शहर के प्रमुख शिवालयों में से एक है। इसकी स्थापना के बारे में बताया जाता कि राजा दयाराम ने संवत 1865 में चौबे वाले महादेव की स्थापना कराई थी। करीब 200 साल पुराने इस मंदिर के शिवलिंग की अनुपम छटा है। बताया जाता है कि आज तक कोई भी इस शिवलिंग को अपनी बांहों में नहीं भर पाया है। महाशिवरात्रि पर विशेष आयोजनों के साथ सावन के प्रत्येक सोमवार को यहां मेला लगाता है। भक्त बड़ी संख्या में महादेव के मनोहारी शृंगार के दर्शन के लिए आते हैं। पुजारी अजय मिश्रा बताते हैं कि 200 से अधिक वर्ष पुराने इस शिवलिंग के प्रति लोगों की अटूट श्रद्धा है। ये सिद्ध महादेव हैं।

बॉक्स
बाबुलनाथ को काली भक्त भी कहते हैं श्रद्धालु

हाथरस। जोगिया रोड स्थित बाबुलनाथ महादेव का मंदिर पर भी सैकड़ों वर्षों से आस्था का केंद्र है। शहर के रमनपुर इलाके में स्थित इस शिवालय के बारे में आसपास के लोग बताते हैं कि मंदिर निर्माण के समय नींव की खोदाई के बाद के बाद पता चला कि शिवलिंग जमीन में 30 फीट तक दबा हुआ है। शिवभक्त बाबुलनाथ सरकार को काली भक्त भी कहते हैं। मंदिर पुजारी ने बताया कि इस शिवलिंग की गहराई का कोई पता नहीं है। सावन के हर सोमवार को यहां मेला लगता है। बात ज्यादा पुरानी नहीं है, जब मंदिर के चारों ओर जंगल ही जंगल थे। धीरे-धीरे महादेव लोग मंदिर के निकट आते जा रहे हैं। आसपास कॉलोनियां बनती जा रही हैं।

बॉक्स
जंगल में निकली थी चिंताहरण महादेव की पिंडी

हाथरस। शहर के मध्य आगरा-अलीगढ़ मार्ग स्थित चिंताहरण महादेव का इतिहास भी काफी प्राचीन है। बुजुर्ग बताते हैं कि किसी समय में यहां जंगल होते थे। इसमें एक पिंडी निकली थी। इसे एक चबूतरे पर स्थान दिया गया। एक ब्रिटिश अफसर ने इसे तोड़वाने की कोशिश की, लेकिन उसी रात उसे स्वप्न हुआ कि इस हठ को त्यागकर चबूतरे का और अधिक निर्माण कराया जाए। इसके अलावा शहर में बीएच मिल रोड पर गड्ढेश्वर महादेव, रामलीला मैदान में भकाभेंड़ा महादेव, भूतेश्वर महादेव, बौहरेश्वर महादेव, नर्मदेश्वर महादेव, सेतुबंध रामेश्वर मंदिर भी आस्था के केंद्र है। पुजारी बताते है कि यहां हर रोज आस्था के संगम में भक्त डुबकी लगाते हैं।

banner 325x300

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *