उत्तर भारत में तापमान तेजी से बढ़ने वाला है और मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में बारिश की कोई संभावना नहीं है। पिछले साल की तरह इस बार भी भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकती है। इस वर्ष बिजली की मांग 270 गीगावॉट तक पहुंचने का अनुमान है। विशेषज्ञों के अनुसार, 2024 में भीषण गर्मी के कारण बिजली की खपत के सारे रिकॉर्ड टूट गए थे और इस साल भी यही स्थिति बनने की संभावना है। सरकार ने संभावित मांग को देखते हुए ताप बिजली संयंत्रों के पास 5 करोड़ टन कोयले का स्टॉक तैयार किया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। रेलवे भी कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए तैयारियों में जुटा हुआ है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कोयला मंत्रालय और ताप बिजली संयंत्रों से समन्वय कर निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। वर्तमान में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के जरिए रोजाना 65 से 70 रैक कोयले की ढुलाई हो रही है और जरूरत पड़ने पर इसे बढ़ाया जा सकता है। केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने पनबिजली परियोजनाओं को जल संरक्षित करने और ताप बिजली संयंत्रों को इष्टतम स्तर पर परिचालन करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, अक्षय ऊर्जा स्रोतों से भी आपूर्ति बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है, लेकिन मुख्य रूप से ताप बिजली इकाइयों पर निर्भरता बनी रहेगी।
गर्मी बढ़ने के साथ बिजली की मांग भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की संभावना
