Black Blue and Neon Pink Modern Tech Electronics and Technology X-Frame Banner
Simple Details Monochrome Hello! Let's Connect LinkedIn Banner (1)
Black Blue and Neon Pink Modern Tech Electronics and Technology X-Frame Banner (1)
Black Blue and Neon Pink Modern Tech Electronics and Technology X-Frame Banner (2)
Black Blue and Neon Pink Modern Tech Electronics and Technology X-Frame Banner
previous arrow
next arrow

13 मार्च को रात्रि 11:26 बजे से 12:30 बजे तक जलेगी होली, सात दिन पहले लगेंगे होलाष्टक

banner 120x600
banner 468x60

हाथरस। फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की तिथि का आरंभ: 13 मार्च को सुबह 10:35 बजे से होगा। यह तिथि 14 मार्च को दोपहर 12:23 बजे तक रहेगी। ऐसे में होलिका दहन का मुहूर्त 13 मार्च को रात्रि 11 बजकर 26 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। ऐसे में होलिका दहन के लिए कुल 1 घंटे 4 मिनट का समय मिलेगा। इस बार हाथरस शहर में होलिका दहन के लिए 13 मार्च को रात्रि 11:26 बजे से 12:30 बजे तक मुहूर्त रहेगा। सात मार्च को होलाष्टक के साथ शुभ कार्य बंद होंगे। 17 मार्च को बासोड़ा पूजन होगा। शहर के धार्मिक विद्वानों का कहना है कि फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की तिथि का आरंभ: 13 मार्च को सुबह 10:35 बजे से होगा। यह तिथि 14 मार्च को दोपहर 12:23 बजे तक रहेगी। ऐसे में होलिका दहन का मुहूर्त 13 मार्च को रात्रि 11 बजकर 26 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। ऐसे में होलिका दहन के लिए कुल 1 घंटे 4 मिनट का समय मिलेगा। शास्त्रों के अनुसार होलाष्टक के आठ दिन अशुभ माने जाते हैं। इसी अवधि में भक्त प्रह्लाद को उनके पिता हिरण्यकश्यप ने यातनाएं दी थीं। हिंदू पंचांग के अनुसार होलिका दहन हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होता है। इसके अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है। होली के उत्सव के साथ-साथ होलिका की अग्नि में सभी नकारात्मक शक्तियों का नाश किया जाता है। सनातन धार्मिक शास्त्रों के अनुसार होलाष्टक के समय सभी आठ ग्रह अशुभ माने जाते हैं। इस समय ग्रहों की स्थिति शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं मानी जाता है। इस दौरान किए गए कार्य केवल बाधाएं उत्पन्न करते हैं।


सात मार्च से लगेंगे होलाष्टक, शुभ कार्य होंगे निषेध

banner 325x300

हाथरस।पंचांग के अनुसार इस वर्ष 2025 में होलाष्टक की शुरुआत सात मार्च से हो रही है। इसका समापन 13 मार्च को होलिका दहन के साथ होगा, इसलिए होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ कार्य करना निषिद्ध है। होलाष्टक के दौरान विष्णु सहस्त्रनाम, हनुमान चालीसा या महामृत्युंजय मंत्र का जाप शुभ फलदायी माना जाता है। इस दौरान जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। पितरों की शांति के लिए तर्पण करना भी लाभकारी होता है। होलाष्टक के दौरान नए मकान, दुकान या किसी नए व्यापार की शुरुआत करना शुभ नहीं माना जाता है।


17 मार्च को होगा बासोड़ा पूजन

हाथरस। विद्वानों की मानें तो इस साल 14 मार्च को होली खेले जाने के बाद बासोड़ा का पूजन 17 मार्च को होगा। पुलिस प्रशासन की ओर से दोनों पर्वों के लिए सुरक्षा व्यवस्था भी की जा रही है।

banner 325x300

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *