तुम मेरी गंगा लौटा दो खूब बहाई उल्टी गंगा अब तो इसको नई दिशा दो
सासनी/नगर में बुजुर्ग एवं कवियों की साहित्यिक सामाजिक संस्था साहित्यानंद के तत्वावधान में
कवि चौपाल का आयोजन किया गया।जिसकी अध्यक्षता अलीगढ़ से आए कवि विनोद जैसवाल ने की।
गोष्ठी का कुशल संचालन मुरारी लाल शर्मा मधुर ने किया। कवि गोष्ठी में मां सरस्वती के छवि चित्र के समक्ष अध्यक्ष द्वारा दीप प्रज्वलन के बाद संचालक मुरारी लाल मधुर ने मां सरस्वती की वंदना का सस्वर पाठ करने के बाद सुनाया-पूछन गिरजा से लगी सभी सखी हरसाय भोले संग कैसी निभी कहो अली समझाय। इसके बाद कवि विष्णु कुमार शर्मा ने सुनाया-नंदी के चढ़ैया कैलाश के बसैया भोले लेकर बारात नाथ द्वारा मेरे अइयों जी। इसके बाद हास्य कवि वीरपाल सिंह वीर ने सुनाया-
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान
ऊंट गधा ना खच्चर बदले बदल गया इंसान। इसके बाद कवि रविराज सिंह ने सुनाया-रेखा गुप्ता बन गई दिल्ली की सी एम देखो उनको दे रहे आशीर्वाद पी एम। इसके उपरांत कवि रामनिवास उपाध्याय ने सुनाया-तुम मेरी गंगा लौटा दो खूब बहाई उल्टी गंगा अब तो इसको नई दिशा दो व्यंगकार कवि वीरेंद्र जैन नारद ने सुनाया-
पूछता है हर कोई मुझसे ये सवाल है खींचता क्यों आदमी ही आदमी की खाल है।इसी के साथ ही अध्यक्षीय उद्बोधन के साथ कवि चौपाल का समापन हो गया।